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Lawyer's Yoga

वकील बनने के ज्योतिषीय योग: Lawer rules in Astrology

आज के समय में कानून और न्यायपालिका के सुधार के लिए वकील की मांग में वृद्धि हुई हैं। आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य को बदलने के लिए समाज में कानून से जुड़े कार्य को बढ़ाया गया हैं। जिनमें वकील और अन्य न्यायपालिका को अधिक महत्व दिया गया हैं। ताकि लोगों का कानून में खोया विशवास वापिस लाया जाये और उसकी खराब व्यवस्था को फिर से संयोजित किया जाये। वकीलों का समाज में बहुत सम्मान हैं क्योंकि वह लोगों को सही रास्ता अपनाने की सलाह देते हैं और लोगों को कानूनी अधिकारों के बारे में जानकरी देते हैं। अगर आप भी वकील बनना चाहते हैं तो हमारा ज्योतिष आपकी मदद कर सकता हैं और आपके इस व्यवसाय में आपकी मदद कर सकता हैं। वैदिक ज्योतिष में हम किसी भी योग को समझनें के लिए भावों और ग्रहों को समझतें हैं।        

भाव: द्वितीय भाव- वकील वही हैं जो अपने शब्दों से झूठ को सच और सच को झूठ करने में सक्षम होता हैं, अपने वाक-सिद्धि से सामने वाले की जबान बंद करवा दे, जिसके लिए दूसरा भाव बहुत महत्व रखता हैं। वकील के लिए प्रभावशाली वाणी के लिए दूसरा भाव बहुत महत्वपूर्ण हैं।  हमसें मिलनें या बात करने के लिए सम्पर्क करें!

छठा भाव- छठा भाव मुकद्दमें के लिए देखा जाते हैं, जहां शब्दों के व्यंग बाण चलते हैं और घात-आघात की बाजियां खेली जाती हैं। वाद-विवाद के इस कार्य मे छठे भाव का बहुत महत्व हैं।

नवम भाव:- यह भाव कानून, न्याय और न्यायपालिका का भाव हैं। वकालत में हमें न्यायपालिका से गुजरना पड़ता हैं, जो कुंडली का नवा भाव हैं। एक अच्छे वकील में दुनिया के सामने सच्चाई लाने और निर्दोष को न्याय दिलाने की क्षमता होती हैं।   अन्य योगों के बारे में जानने के लिए यहां देखें!      

वकील बनने के लिए सज़ा भी करवानी होगी जिसमें द्वादश भाव भी विशेष भुमिका रखता हैं।

2/6/9/12 भाव का संबंध बनने से सफल वकील की संभावनायें बहुत अधिक बनती हैं। इनका संबंध जितना मज़बूत होगा उतना ही व्यक्ति सफल और अच्छा वकील बन सकता हैं। लेखा-जोखा और पुराने रिकार्ड़स भी रखने होते हैं, जिसके लिए तीसरा भाव भी अहम रोल रखता हैं।   किसी भी प्रशन के लिए यहां क्लिक करें!

ग्रह:- वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह सूर्य और शनि मुख्य भूमिका निभाते हैं, जिसमें सूर्य कानून, अधिकार, उच्च पद और नाम के लिए बहुत आवश्यक हैं। शनि न्याय और उच्च न्यायिक पद के लिए देखा जाता हैं। इन दोनों के होने से कानून के क्षेत्र में स्थिर और संपन्न व्यवसाय हासिल होता हैं। काल-पुरुष की कुण्डली के अनुसार न्यायपालिका नवम भाव यानि कारक गुरु जिसका महत्व बहुत हैं और कर्मेश शनि, इन दोनो शनि और गुरु का संबंध बन जाये तो वकील बनने के बहुत अच्छे योग बनते हैं। गुरु का शनि से दशम भाव में होना जातक को वकील से जज की कुर्सी पर बैठाता हैं। गुरु जज या अटार्नी जैसे जो कानुन के विशेषज्ञ होते हैं वह बनाता हैं।

लग्न व सूर्य दोनो का मज़बूत होना प्रजातंत्र में प्रभुसत्ता सम्पन्न बनाता हैं। सूर्य और चंद्रमा राजकाज के प्रतीक भी हैं ,इनमें जातक सरकारी पक्ष की शोभा भी बढ़ाते हैं।

बुध वाणी का कारक हैं क्योंकि शब्दों के तीर का इस्तेमाल करना और बहस में जीतना बुध ही करवाता हैं। बुध बड़े घराने और कॉरपोरेट में महारथ हासिल करेगा।

कभी-कभी वकील बहुत ही गुप्त नीतियों और झुठे बयान का भी सहारा लेता हैं, जिसमें उसे छल के साथ आगे आना होता हुए वहां राहु का योगदान भी देख लेना चाहिए। राहु के साथ मंगल भी आजाये तो जातक अपराधिक मामलों में वकालत करेगा, जिसमें साहस और पराक्रम भी चाहिए।        ज्योतिष सीखनें के लिए यहां देखें!   

मंगल या राहु हो तो जातक फौज़दारी, विवादास्पद, अपराधिक या क्रिमनल केस में सफलता पाता हैं। मंगल बहादुरी के साथ के साथ लड़ने की हिम्मत देता हैं, जिसमें पुलिस के रोल में मंगल की अहम भूमिका हैं। बुध और मंगल यानि कलम वाणी शक्ति का मेल जातक को शब्दों का जादुगर बनाता हैं।               

शुक्र दाम्पत्य जीवन के सरकारी पेंच सुलझाता हैं।

शनि या केतु टैक्स, चोरी, बईमानी वाले मुकद्दमों की ओर रुझान करवाता हैं।

अमात्यकारक ग्रह का जिक्र किए बिना व्यवसाय का फलित करना अधुरा रहता हैं। अमात्यकारक ग्रह या जिस ग्रह के नक्षत्र में हैं वह बताता हैं कि जातक किसमें विशिष्टता हासिल करेगा। वकील बनने के लिए अमात्यकारक का संबंध 2,6,9 भावों से होना आवशयक हैं। 

किसी भी कार्य की सफलता के लिए दशा, अंतर्दशा और गोचर का महत्वपूर्ण रोल हैं। यदि दसवें भाव, नवम भाव और एकादश भाव की दशा एक साथ आजाये तब जातक को निश्चिंत रुप से सफलता और अच्छी आय मिलती हैं।  

वायु राशियां मिथुन, तुला और कुम्भ ये सभी सलाहकार राशियां हैं इसलिए इनमें अधिक से अधिक ग्रह होना अच्छा सलाहकार बनाती हैं। तुला राशि न्याय की राशि हैं, तभी इसका महत्व भी बहुत अधिक हैं।

नक्षत्र:- उतरा फाल्गुनी- यह नक्षत्र संघर्ष की शुरुआत का संकेत देता हैं।

श्रवण:- यह परामर्श और सलाह का नक्षत्र हैं।

धनिष्ठा:- यह वैवाहिक जीवन में परेशानी के हल का संकेत हैं।

चित्रा:- यह वह नक्षत्र हैं जो परिवार में वकील को दिखाता हैं।          

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