नक्षत्र:-- हमारे ब्रहमाण्ड में अनेक तारो के समुह हैं, जो चंद्रमा के पथ से जुडे हैं, इस तारो के समुह को नक्षत्र कहते हैं। चंद्रमा 27 से 28 दिनो में पृथ्वी के चारो ओर यानि इन तारो के चक्कर लगाता हैं, इन्ही तारो के अलग-अलग समूह भी होते हैं, जिन्हे नक्षत्र कहा गया हैं। 28 नक्षत्र के इन समूह को नक्षत्र चक्र कहते हैं। हमारा ब्रहमाण्ड 360 अंशो का हैं, जिसमें प्रत्येक 27 नक्षत्र को 13 अंश 20 मिनट में बांटा गया हैं। प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होते हैं। बिना नक्षत्रो के फलित अधुरा होता हैं। जिस नक्षत्र में हमारा जन्म होता हैं, वही जन्म का नक्षत्र कहलाता हैं, इसी नक्षत्र द्वारा हम अपने चरित्र, सोच और अपने जीवन की दशा के बारे में जान पाते हैं, जो हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलु होता हैं।
Nakshatra नक्षत्र:- हमारे ब्रहमाण्ड में अनेक तारों के समुह हैं, जो चंद्रमा के पथ से जुड़े हैं, इस तारों के समुह को नक्षत्र कहते हैं। चंद्रमा 27 से 28 दिनों में पृथ्वी के चारों ओर यानि इन तारों के चक्कर लगाता हैं, इन्ही तारों के अलग-अलग समूह भी होते हैं, जिन्हें नक्षत्र कहा गया हैं। 28 नक्षत्र के इन समूह को नक्षत्र चक्र कहते हैं। हमारा ब्रहमाण्ड 360 अंशो का हैं, जिसमें प्रत्येक 27 नक्षत्र को 13 अंश 20 मिनट में बांटा गया हैं। प्रत्येक नक्षत्र के चार चरण होते हैं। बिना नक्षत्रों के फलित अधुरा होता हैं। जिस नक्षत्र में हमारा जन्म होता हैं, वही जन्म का नक्षत्र कहलाता हैं, इसी नक्षत्र द्वारा हम अपने चरित्र, सोच और अपने जीवन की दशा के बारे में जान पाते हैं, जो हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलु होता हैं। वैदिक ज्योतिष का आधार नक्षत्र और ग्रह हैं जिससे राशियों और भावों को समझा जा सकता हैं। हमारे ब्रहमाण्ड में 28 नक्षत्रों की व्याख्या की गई हैं जिसको 9 ग्रहों का स्वामित्व दिया गया हैं
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