ग्रहण- वर्ष 2020 मे लगने वाले सूर्य और चंद्रग्रहण
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ग्रहण- वर्ष 2020 मे लगने वाले सूर्य और चंद्रग्रहण

ग्रहण- वर्ष 2020 मे लगने वाले सूर्य और चंद्रग्रहण
साल 2020 मे 6 ग्रहण लग रहे है जिसमे चार चंद्रग्रहण और दो सूर्य ग्रहण लगेंगे। साल की शुरुआत मे पहला चंद्रग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक खगोलिय घटना है जिसमे जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य को ग्रहण लगता है। वही जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है जिससे चंद्रमा तक सूर्य की किरणे नही पहुंच पाती और इसकी छाया मे चंद्रमा पूरी तरह ढक जाता है तभी चंद्र को ग्रहण लग जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार इस ग्रहण मे सूर्य और चंद्रमा की ऊर्जाओं मे कमी आ जाती है जिससे जातक की स्वयं की कुण्डली मे भी यही सुर्य और चंद्रमा कमज़ोर हो तो व्यक्ति पर इस ग्रहण का अशुभ प्रभाव पडता है। तभी दान और स्नान का विशेष महत्व है इस समय मे किया गया दान कई गुणा हो कर फल देता है। सूर्य को ग्रहण अमावस्या को और चंद्रमा को ग्रहण पूर्णिमा को ही लगता है। ग्रहण के 12 घंटे पहले से सूतक लग जाता और मंदिरों के दरवाज़े बंद हो जाते है। जब भी दो ग्रहण जल्दी जल्दी लगते है तब भुकम्प आता है। धार्मिक पौराणिक अनुसार ग्रहण के पीछे राहु-केतु को कारण कहा जाता है। समुंद्र मंथन के दौरान देवताओ और दानवो के बीच अमृत को लेकर जब युद्ध चल रहा था तब सारा अमृत देवताओ को पिलाने के लिए भग्वान विष्णु ने मोहिनी का रुप धारण कर अमृत बांटने के लिए सबको अलग कर दिया तभी स्वरभानू राक्षस चालाकी से देवताओ के बीच जा कर बैठ गया और जैसे ही अमृत पान करने लगा सूर्य और चंद्र देव ने विष्णु रुपी मोहीनी अवतार को बता दिया तभी विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से उसकी गरदन व धड अलग कर दिया लेकिन अमृत पान कर लेने से वह दो भागो मे बंट गये पर मृत्यु को प्राप्त नही हो सके। इसी घटना के कारण राहु केतु सूर्य और चंद्रमा को ग्रहण लगाते है।

5 जून 2020 चंद्र ग्रहण

रात्रि 11:15 से 6 जून 02: 34 तक

यह भारत, यूरोप, अफ्रीका, एशिया और आस्ट्रेलिया मे दिखाई देगा।

21 जून 2020 सूर्य ग्रहण

सुबह 09:15 से 15:03 तक

यह ग्रहण भारत, दक्षिण पूर्व और एशिया मे दिखाई देगा।

5 जुलाई 2020 चंद्र ग्रहण

सुबह 08:37 से 11:22 तक

यह अमेरिका, दक्षिण पूर्व, यूरोप और अफ्रीका मे दिखाई देगा।

30 नवंबर 2020 चंद्रग्रहण

दिन 13:02 से 17:23 तक

यह भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया मे दिखाई देगा।

14 दिसंबर 2020 सूर्यग्रहण

19:03 से रात 12:00 तक

यह ग्रहण भारत मे दिखाई नही देगा।

मान्यता के अनुसार ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा निकलती है यह गर्भवती स्त्रियों के लिए शुभ नही है। इस समय मे कैंची, चाकू या सूई जैसे धारीदार वस्तुयों का इस्तेमाल नही करना चाहिए।

इस समय मे भोजन करना, केश बनाना, नवीन कार्य करना और संभोग करना शुभ नही होता है। इस समय मे नारायण कवच, गायत्री मंत्र और सूर्य व चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना चाहिए और गनगा जल से मिले जल से नहा कर सूर्य और चंद्रमा का दान अवशय करना चाहिए जिससे ग्रहों से जुडे नकारात्मक प्रभाव भी कम होते है। इस समय मे कुंडली मे ग्रहण दोषों का भी उपाय करना चाहिए। अगर कुंडली मे छाया ग्रह राहु केतु भी नकारात्मक प्रभाव दे रहे हो तब भी इस समय मे दान करना चाहिए। ग्रहण के दौरान जो राशिया प्रभावित होती है उन पर भी इस ग्रहण से परेशानी आती है जिससे उस समय मे दान और मंत्रो का जाप करना चाहिए। इस समय मे बहुत सी नकारात्मक शक्तियां भी उजागर हो जाती है जिससे शुभता मे कमी आती है। चंद्र ग्रहण- चावल, दूध, चांदी, मोती शक्कर, तिल, सफेद कपडा और नारियल दक्षिणा सहित दान करना चाहिए।

सूर्य ग्रहण- नारियल, गेहुं, गुड, लाल मसूर की दाल, लाल वस्त्र, बादाम और तिलो का दान दक्षिणा सहित करना चाहिए।


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