- "Mercury" in 12 Houses as per Astrology


बुध का प्रथम भाव मे फल-
बुध का प्रथम भाव मे फल- ऐसा जातक बुद्धिमान, ज्ञानवान, खेलो में सम्मान, बातचीत मे कुशल, ऊँची सोच, सभ्यता की पढाई, कौशल पूर्ण और ज़ीवन साथी भी वही चाहते है, जो सुंदर व बातचीत करने वाला हो, वह दोस्तों मे खुश रहना, संदेश देने मे कौशलता, तेज़ दीमाग, देखने मे तंदरुस्त व सुंदर होते है, वह 60 साल के होंगे तब भी 40 साल के लगेंगे। ये लोग घुड़सवारी, मार्किटिंग, सैल्स, व्यवसाय में लाभ, हंसी-मजाक का शौकीन, गणित मे दक्ष व शुक्र से युति होने पर संगीत एवं कला में भी दक्षता होती है। इनका दिमाग हमेशा कुछ न कुछ सोचने व कार्य करने में लगा रहता है।
बुध का दूसरे भाव का फल:-
बुध का दूसरे भाव का फल:- यहां बुध जातक को धनवान, विशाल हृदय, बुद्धिमान, मीठी वाणी, परिहासजनक, कलाकार, आकर्षक, सुंदर लिखावट, गायक, अच्छी शिक्षा व परिवार सुख प्रदान करता है। ऐसा जातक बातचीत मे कलात्मक व कौशल-पूर्ण शब्द का प्रयोग करता है। बुध शुभ राशि मे होने पर जातक बैंक मैंनेज़र, व्यापारी, सैल्समैन, अपनी बुद्धि कौशल से पैसा कमाना, ज्योतिष मे विशवास, वैज्ञानिक सोच, टैक्स अधिकारी और अकॉउंटेंट होते है। बुध के कमज़ोर होने पर जातक मे वाणी दोष होता है और शिक्षा में रुकावट आती है। द्वितीय भाव मे बुध-बृहस्पति साथ हो तो जातक गणित में निपुण, तीव्र निर्णय क्षमता, आंतरिक ज्ञान एवं नैतिक सिद्धांतो के द्वारा लाभ और बुध-शनि की युति हो तो जबान मे राजनीति, मुर्खो वाली चालाकी, बुद्धि भ्रमित एवं कठोर परिश्रम करवाता है।
तृतीय भाव में बुध:-
तृतीय भाव में बुध:- यदि बुध बली हो तो जातक की अच्छी शिक्षा, तीक्ष्ण स्मरण-शक्ति व बुद्धि, राज़नितिज्ञ, वकील, रिपोर्टर, बातचीत मे कौशलता, लेखन-छपाई या प्रकाशन से लाभ, विज्ञान के विभिन्न विषयों व साहित्यों का ज्ञान, बोलने एवं लिखने मे निपुण और चुस्त, प्रसन्न, कल्पनाशील, हंसी-मजाक पसंद करने वाला, गणितज्ञ एवं वैज्ञानिक होता है। ऐसा जातक कोई भी कार्य शुरु करे तो वह समय से पूर्ण करता है और बात करने मे कुशल होते है, इनको पता होता है कि कब बात शुरु करनी है और कब खत्म करनी है। ये कुशल ज्योतिष होते है, कुंड़ली देखते ही जैसे ग्रहों से बाते करते है। ऐसा जातक ऊच्च दैव्य ज्ञान और संतुलन बोलचाल मे बात करता है। वह हमेशा बच्चे बने रहते है और माता से लाड़-प्यार से बात करते है।
चतुर्थ भाव में बुध:-
चतुर्थ भाव में बुध:- जातक विद्वान, शिक्षित, वाहन, संगीत एवं आधुनिक कला-सम्पन्न, वाकपटु, परिहास प्रेमी, मित्रवान, धन-धान्य का भोग करने वाला सुखी और विदेश की यात्राएं करने वाला होता है। ऐसे जातक की माता व्यापार मे निपुण होती है, वह माता से ही व्यवसाय का ज्ञान लेते है और ये माता की सलाह से आगे चले तो फायदा होता है। ऐसे जातक घर से जुडा कार्य या घर से ही कार्य करते है। वह ज्योतिष, साइकलोजिस्ट, काउंसलर, ज़मीन या रियल-इस्टेट और कार्य को लेकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर भ्रमण करते है।
पंचम भाव में बुध:-
पंचम भाव में बुध:- ऐसा जातक सुशिक्षित, विद्वान, लेखक, साहित्यकार, कवि, उपन्यासकार, गणित में निपुण, आत्मतत्वज्ञान से सम्बन्धित ज्योतिष, किताब लिखना या छापना, रहस्मय विज्ञान मे रुचि, खेल, शेयर बाज़ार व जुए से धन कमाता है। वृषभ, कन्या या मकर राशि का बुध भौतिक विज्ञान, हस्तशास्त्र, व्याकरण का ज्ञान देता है और जल तत्व राशियों का लिपिक एवं बहुभाषविद्व बनाता है। अपनी बुद्धिमता से धन कमाते है। ऐसा जातक कलात्मक, वाद-विवाद मे निपुण और बच्चो से बेहद लगाव रखते है। 50 साल के हो कर भी बच्चों के साथ खेलना पसंद करते है। जातक मे प्यार करने, इज़हार करने व जताने की एक अलग कला और अनोखा अंदाज़ होता है। यहा बुध का पीड़ित होना संतान के लिए शुभ नहीं होता है और जातक अल्प शिक्षित, क्रूर, एवं झगड़ालू होता है।
षष्टम भाव में बुध:-
षष्टम भाव में बुध:- यदि बुध बली हो तो तीक्ष्ण बुद्धि और प्रसिद्धि के साथ झगड़ालू प्रवृति भी देता है, ऐसा जातक सन्तो से ज्ञान प्राप्त करता है। ऐसा जातक वकील, अपने फायदे के लिए सोचना, अकॉउंटेट व टैक्स से पैसा बचाता है। इनका अचानक नर्वस ब्रेक-डाउन या आपरेशन होता है। इनका भाई बहनों के साथ रिशते मे उतार-चढाव रहता है। अगर बुध 8, 1, 9 राशि मे हो तो ये डाक्टर बनते है। पीड़ित बुध क्षीण बुद्धि, मानसिक अवसाद, चरम रोग, नसों की परेशानी, दिमागी असंतुलन, पाचन शक्ति की निर्बलता, जन्नांगो के रोग और शिक्षा में बाधा देता है।
सप्तम भाव में बुध:-
सप्तम भाव में बुध:- बुध एक नपुंसक ग्रह है, यह पीडित हो और इसका सप्तम भाव मे कोई भी सम्बन्ध, जातक के वैवाहिक जीवन में विघ्न उत्पन्न करता है। ऐसा जातक संत, अच्छे स्वभाव का, सत्यवादी, आज्ञाकारी, सुख-सुविधाओं के प्रति आकृषित, तीक्ष्ण बुद्धिवाला, आकर्षक, प्रतिष्ठित, सज्जन, स्त्रियों से सम्मान पाने वाला तथा धन से अनुग्रहित होता है। जातक की भार्या रूपवान, आदर्श गृहणी, प्रभावशाली परिवार से होती है। जातक वकील, विवाह का सलाहकार, कुशल व्यापारी और बातचीत मे कुशल होते है। इनका ज़ीवन साथी भी बातचीत मे कुशल, समझदार और रोमांटिक होता है। यदि बुध पीड़ित हो तो वैवाहिक जीवन में कलह, झगड़ा, यदि अधिक पीड़ित हो तो क़ानूनी परेशानियां भी होती है। यदि सप्तमेश भी निर्बली हो, पीड़ित हो, शत्रु राशि में मंगल के साथ हो, तो जातक की भार्या कुरूप और चर्म रोगी होती है।
अष्टम भाव में बुध:-
अष्टम भाव में बुध:- अष्टम भाव में यदि बुध अकेला हो तो जातक को प्रचुर मात्रा में धन-सम्पत्ति, प्रसिद्धि, लम्बी आयु, अच्छी प्रतिष्ठा और धन-सम्पति देता है। यदि सूर्य इसके निकट हो तो जातक शासक की अनुकम्पा और समाजिक प्रतिष्ठा का आनंद लेता है। ऐसा जातक सत्यवादी, अतिथि-सत्कार करने वाला और विशेष व्यक्तित्व का स्वामी होता है। वह राज्य से धन, भू-सम्पति और प्रसिद्धि पाता है। ऐसा जातक गहराई मे जा कर किसी चीज़ मे खोज़ करते है और आपातकालीन चिकित्सक या काला जादु करने वाला होता है। यदि बुध पीड़ित हो तो जातक कृतघ्न, धूर्त, कामातुर और बीमारियों से ग्रस्त होता है। ऐसे जातक का आलौकिक विज्ञान, साहित्य और उच्च स्तर की चीज़ो के प्रति रुझान होता है। स्त्री की कुंडली में पीड़ित बुध, पति और साझेदारों से आर्थिक परेशानियों की चिंता इंगित करता है।
नवम भाव में बुध:-
नवम भाव में बुध:- नवम भाव का बुध जातक को अत्यधिक बुद्धिमान, धनवान, दार्शनिक, वैज्ञानिक, खोजकर्ता, संगीतज्ञ, लोकप्रिय, सौम्य, आस्तिक, सज्जन, सत्यवादी, पितृभक्त, प्रखर वक्ता, दानवर्ती, कलाप्रेमी, सम्पादक, प्रकाशक, लेखक, शिक्षक, भाग्यशाली और यात्राओं से लाभ प्राप्त करने वाला बनाता है। अग्नि तत्व राशियों में बुध जातक को गणितज्ञ और ज्योतिषाचार्य, पृथ्वी तत्व राशियों में व्यापारी या लिपिक और जल तत्व राशियों में डाक विभाग में लिपिक अथवा सरकारी कर्मचारी बनाता है। यह बुध चर राशियों में यात्रा के प्रति प्रेम देता है और वायु तत्व राशियों में आकाश से जुड़े विषयो में रुझान देता है। जातक कुशाग्र बुद्धि का होता है, जीवन के गुप्त रहस्यों को ढूंढ़ने और आध्यात्मिक विषयो का इच्छुक होता है। वह अपनी उच्च शिक्षा से धन अर्जित करते है और कैसे धन कमाया जाए यही सोचते रहते है।
दशम भाव में बुध:-
दशम भाव में बुध:- ऐसा जातक लम्बी आयुवाला, बुद्धिमान, स्वच्छ शरीर और स्वच्छ विचारों वाला, विद्वानों के द्वारा प्रशंसा पाने वाला, मनभावन भाषण करने वाला, धनवान, समृद्ध, उत्तराधिकार में अच्छी धन-सम्पति, हंसमुख, कई कलाओं में प्रवीण, सुप्रसिद्ध, उच्च बौद्धिक कार्य, सत्यवादी, तीव्र इच्छाओं वाला, सुख सुविधाओं से सम्पन्न और किसी भी कार्य के प्रारम्भ से ही सफलता प्राप्त करने वाला व्यक्ति होता है। ऐसा जातक लेखक, मीडिया, कम्पयुटर इंज़िनियर, वायु राशि मे हो तो अच्छा सैल्समैन, जनता के बीच बात करने वाला व सरकारी मैंनेज़र होता है। बुध ज़ल राशि मे हो तो वैज्ञानिक या मेडिकल मे होता है। बुध पृथ्वी राशि मे हो तो गणितज्ञ, फाइनैनशल मैंनेज़र, समाचार एंकर, कलाकार, पत्रकार, व्यापारी और इनका सारा व्यवसाय बातचीत की कला पर निर्भर करता है।
एकादश भाव में बुध:-
एकादश भाव में बुध:- ऐसा जातक बुद्धिमान, कई कलाओ में प्रवीण, विज्ञान का ज्ञाता, ऐश्वर्यवान, धनवान, सत्यवादी, प्रसन्न, गणित, ज्योतिषशास्त्र, वैज्ञानिक-खोज, व्यापारी, लेखन, शिक्षण, शिक्षा में अनुसंधान, स्त्रियों का प्यारा और अच्छे गुणवाला होता है। ऐसा जातक शेयर ब्राकर, जुआरी, अकॉउंटेट, मैंनेज़र, धार्मिक व समझदार होते है। जातक का धनवान व समझदार लोगों का साथ होता है। जातक जो भी काम करता है, बहुत सोच-समझकर व कलात्मक रुप से करता है तथा अपने बच्चों से बहुत प्यार करता है।
द्वादश भाव में बुध:-
द्वादश भाव में बुध:- ऐसा जातक चुप रहने वाला, समझदार, तार्किक बुद्धि और काल्पनिक होता है। बुध मीन राशि मे हो तो प्रतिभाशाली लेखन व धार्मिक, पृथ्वी राशि मे हो तो ज्योतिष ज्ञान होता है, क्योंकि इनको आध्यात्मिकता से अंर्तज्ञान और अज्ञात शक्ति मिलती है। जातक एकांत मे कार्य व परेशानी को कैसे सुलझाना है यही सोचता है। वह गणित मे कमज़ोर होता है पर मंग़ल या स्वयं की राशि हो तो गणित मे कुछ कुशल होता है। कन्या राशि मे हो तो आध्यात्मिक शक्ति से अपनी परेशानियो को हल करते है। जातक विदेश मे कार्य करने वाला व्यापारी होता है। बुध पीडित हो तो जातक चतुर, धूर्त, धनहानि, पापकर्म, विदेश यात्राएं, दीन, विधाहीन, आलसी, क्रूर व अपमानित होता है।

Planets In 12 Houses as per Astrology


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Rahu & Ketu In 12 Houses as per Astrology


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