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Acting Yoga

कलाकार बनने के ज्योतिषिय योगा:  Acting Yoga in Astrology  

आज के समय में अभिनेता बनने का सपना बच्चे बचपन से ही देखनें लगतें हैं और आगे बढ़ने का प्रयास भी बचपन से ही किया जाता हैं। जिसमें प्रसिद्धि और लोकप्रियता के साथ गलैमर की दुनियां में कदम रखना कौन नही चाहता। सिनेमा की चकाचौंध भरी दुनियां हमेशा लोगों को आकर्षित करती हैं। इस दुनियां में असीमित प्रतिभा हैं जिससमें सफलता हासिल करना आसान नहीं हैं। इस गलैमर की दुनियां में सफलता पाने के लिए वैदिक ज्योतिष में कुछ ग्रह और भाव के संबंध अगर मज़बूत हो तभी आपका सपना साकार हो सकता हैं।       

ग्रह: सूर्य- सूर्य ग्रह जो राजा, शक्ति, नाम, प्रतिष्ठा और नेतृत्व का कारक हैं क्योंकि आपके कुछ बनने के लिए आपका नाम व प्रतिभा होना बहुत जरुरी हैं जो सूर्य ही दे सकता हैं। सूर्य के कमज़ोर होने से हम अपनी पहचान नही बना पाते। सूर्य का मज़बूत होने से डॉयरेक्टर प्रोडुयसर और अभिनेता का योग बनता हैं।

चंद्र्मा- यह ग्रह मन, कला, प्रसिद्धि, अभिव्यक्ति और भावुकता का कारक हैं। चंद्रमा के मज़बूत होने पर जातक कलाकारी और अभिनेता में आगे रहता हैं। जिससे उनकी प्रतिभा में निखार आता हैं। चंद्रमा द्दढ़ इच्छा शक्ति देता हैं जिससे अभिनेता बनने का सपना पूरा होता हैं। चंद्रमा भावना प्रधान होने से भावानात्मक प्रदर्शन करने मदद करता हैं।          

शुक्र संगीत, रचनात्मक, अभिनय, कलात्मक कौशल का कारक हैं। लग्न/लग्नेश, पंंचम/पंचमेश, नवांश पर पीड़ित शुक्र का प्रभाव आवशयक हैं (शुक्र के पीड़ित होने से जातक को प्रदर्शन करने की इच्छा होगी और कला से अर्थोपार्जन की सोच/इच्छा आएगी। शुक्र और चंद्रमा का सम्बंध बहुत अच्छा कलाकारी देता हैं। शुक्र को विलासिता जीत, आनंद, मनोरंजन और सुंदरता का कारक कहा जाता हैं।

बुध- बुध ग्रह आवाज़, नकल, आकृषण, दोहरी प्रवृति व संवाद का कारक हैं जो अपने डॉयलॉग और अपने हास्य के कारण सामने को बांधे रखता हैं। बृहस्पति स्वयं शास्त्रीय कला और संगीत का कारक हैं।

राहु- राहु बड़े पैमाने पर प्रसिद्धि, प्रदर्शन, मास्क, नाटकीय का छलीया ग्रह हैं, जो दिखावा दिखानें में सबसे आगे हैं। इसके छ्ल को कोई नहीं समझ सकता हैं। यह फोटोग्राफी, कैमरा, लाईमलाईट और बहुत कुछ बनने की क्षमता का कारक हैं।       

भाव: प्रथम भाव जो प्रदर्शन और प्रसिद्धि का भाव हैं। पांचवे, तीसरे व दशम भावों का संबंध इन सभी ग्रहों से होना चाहिए।

एक व्यक्ति के भीतर कलात्मक, संचार और रचनात्मक कौशल तृतीय भाव को हम अपने शौक और आंतरिक सुख जैसे कार्य-क्लापों से जोड़ते हैं। इसी तृतीय भाव का सम्बंध सिनेमा, लेखन के स्वामी पंचम या द्वितीय भाव से हो जाये तो जातक पर्दे की शोभा बनता हैं।

तीसरे व पांचवे का सम्बंध रिपोर्टर, टॉक शौ या संवाद्दाता बनाता हैं। तीसरे एकादश भाव का सम्बंध होने से जातक सीरियल बनाने में रुचि रखता हैं। मीड़िया और संचार का तृतीय भाव/पंचम व दशम भाव का सम्बंध दूरदर्शंन या संवाद्दाता से जोडता हैं जिसमें बुध या चंद्रमा का प्रभाव दशम या द्वितीय भाव पर होता हैं।

अभिनय/मनोरंजन का भाव पंचम भाव या द्वितीय भाव का सम्बंध प्रसिद्धि के दशम भाव से बने तो जातक की कलाकार के रुप में जनता में अच्छी छवि बनती हैं। सप्तम भाव का संबंध किसी शुभ ग्रह से बने तब भी जातक की जनता में छवि बनती हैं। 

अष्टम भाव हमारी छिपी हुई प्रतिभा और मनोवैज्ञानिक का भाव हैं जो ये कलाकारी हमें विरासत के रुप में देता हैं।   अन्य योगों के बारे में जानने के लिए यहां देखें!

एकादश भाव इच्छा पूर्ति, उपलब्धियों, शोहरत और प्रसिद्धि की इच्छा पूर्ति का भाव हैं।   

राशि- मेष राशि शरीर की कलाकारी का प्रदर्शन करती हैं। यह राशि अग्नि आक्रामकता का प्रतीक हैं जो हर काम में जोश भर देती हैं।

मिथुन- यह राशि कलाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं जिसका स्वामी बुध नकल करने में माहिर हैं। यह द्विस्वभाव राशि दोहरे रुप में भी दिखावा कर सकती हैं जैसे एक समय में दो अलग-अलग व्यक्ति बन जाते हैं चाहे वह कॉमेंडियन हो या गंभीर व्यक्ति।    हमसें मिलनें या बात करने के लिए सम्पर्क करें!

सिन्ह- यह पंचम भाव की राशि जो मनोरंज़न, अभिनेता, मंच का सच्चे रुप से प्रदर्शन करती हैं।

तुला- यह शुक्र की कलात्मक और रचनात्मक राशि हैं। यह मीड़िया का भाव भी हैं व इसमें स्वाति नक्षत्र जो शोहरत को हासिल करने में सबसे आगे हैं।   

वृश्चिक- यह नाटकीय कलाओं की राशि हैं और यह राशि भीतर के दुख को भावानात्मक और ऊर्जा सहित बाहर लाने में मदद करती हैं।

मीन- यह कल्पना, रचनात्मकता और हमारे दिमाग को उच्च स्तर पर ले जाने का संकेत हैं। जो हमारी चेतना के साथ अंदर की कल्पनाशील चरित्र के रुप में लाने की कोशिश करती हैं। यह राशि दुनियां को बाहरी और अंदरुनी रुप को समझने में मदद करती हैं।    किसी भी प्रशन के लिए यहां क्लिक करें!

नक्षत्र- रोहिणी जो कला, सौंदर्य, फैशन, भाग्य, अभिनय और संगीत से जुड़ा हैं।

मृगशिरा जो हमारी स्वयं हमसे और हमारी आंतरिक आत्मा के साथ भावनात्मक रुप से संबंध बनाने की क्षमता देता हैं।

माघ नक्षत्र जो शाही सिंहासन हैं, यह किसी भी व्यवसाय में सफलता की सीढ़ी चढ़ने की प्राकृतिक प्रतिभा और क्षमता देता हैं। इस नक्षत्र में शुक्र होने से एक महान अभिनेता बनाता हैं। यहां शुक्र दूसरे के सिर पर चढ़ कर सफलता हासिल करवाता हैं।       ज्योतिष सीखनें के लिए यहां देखें!   

पूर्वा फाल्गुनी व पूर्वा षाढ़ा सुंदरता, कला को दिखाता हैं और निखार का कारक हैं। चित्रा हमारे जीवन में वैवाहिक कलाओं, रचनात्मक, डिजाईनिंग और लड़ने की क्षमता देता हैं।         

अमात्यकारक ग्रह का संबंध गुरु, शुक्र या बुध अथवा सूर्य या चंद्रमा से बने तो जातक कलाकार बनता हैं। 

दशा/गोचर- अगर तीसरे, पांचवे और दसवें भाव की दशा हो व्यक्ति अभिनेता की दुनियां में सफलता हासिल करता हैं। इस कार्य में उम्र मायना नही रखती हैं और जो इस क्षेत्र में अपना हुनर आजमाना चाहते हैं। उनके उपर दिये ग्रह और इन भावों की दशा में ही भाग्य साथ देता हैं।          

 


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