Sign of Depression in Hand- Symptoms of Depression in Hand_ Lines in Hand
अवसाद - जो लोग अवसाद में रहते हैं उनके चेहरे में और मुख पर उदासी छायी होती हैं और जिंदगी में सब कुछ नीरस और निरर्थक लगता हैं। ऐसे लोग निराशावादी होते हैं। हस्तरेखा के अनुसार ऐसे व्यक्तियों के हाथ चौडे होते हैं और मस्तिष्क रेखा ढलान लेती हुई चंद्रमा पर्वत के लगभग अंत तक पहुंचती हैं। मस्तिष्क रेखा का यह रूप जातक की अत्यधिक कल्पनाशीलता व्यक्त करता हैं। इसके साथ-साथ शुक्र क्षेत्र भी समुचित रूप से उन्नत नहीं होता तो उसके कारण उन्हें किसी व्यक्ति में दिलचस्पी नहीं रहती इस योग में शनि क्षेत्र भी अपनी भुमिका अदा करता हैं ऐसे हाथ में उसका पूर्ण रुप से प्रभुत्व होता हैं।
पागलपन- पागलपन के योग में व्यक्ति अपनी अत्यधिक कल्पनाशीलता के कारण बचपन से ही मतिभ्रम के शिकार बन जाते हैं और कट्टर विचारों वाले बन जाते हैं उनको जितना समझाया जाता हैं, जितना समझा जाता हैं या जितना उनका विरोघ किया जाता हैं, वे उतने ही अधिक क्रुर बन जाता हैं। आरम्भ में इस प्रकार का रूप वे कभी-कभी धारण करते हैं बाद में विचारो की धारा में बहकर उन्मत हो जाते हैं और अपना मानसिक सन्तुलन खो बैठते हैं। आजकल बहुत से तांत्रिक सिद्धियों को प्राप्त करने में संलग्न लोग इस श्रेणी में लाये जाते हैं। Take Appointment
सनकीपन- इस प्रकार का पागलपन प्राय: उन लोगो में पाया जाता हैं, जिनके हाथ चमचाकार या दार्शनिक होते हैं। अत्यंत चमचाकार बनावट के हाथ वालो में तेजी से नीचे की ओर ढलान लेने वाली मस्तिष्क रेखा इस गुण की सूचक होती हैं। प्रारम्भ में ऐसे व्यक्ति ऐसी योजनाए बनाते हैं, जिन में विस्मयजनक मौलिकता होती हैं, परन्तु विचारो और योजनाओ का इतना विशाल भण्डार उनके मसतिष्क में भर जाता हैं की वे कोई भी कार्य पूरा नहीं कर पाते। ऐसे व्यक्तियों को अवसर नहीं प्राप्त होता की वह अपने विचारो को व्यावहारिक रूप दे सके तो वह पागलो के सामान हो जाते हैं। यदि उन्हें अवसर मिल जाए तो कभी-कभी बड़े-बड़े आविष्कारों के जन्मदाता बन जाते हैं।
वास्तविक पागलपन- इस प्रकार के पागलपन का कारण मस्तिष्क रेखा की विकृति होती हैं जो हाथ में दो भागो में विभाजित होती हैं। यह भी दो तरह के स्वभाव वाला एक तो वह जो कभी न सुधरने वाला जड़मूर्ख होता हैं और दूसरा जो बदमिजाज, दुष्ट और बिल्कुल पागल होता हैं। Why Worried? Ask a question and get solutions!
पहला स्वभाव वाला जातक के हाथ में एक चौडी, नीचे की ओर ढलान वाली, द्वीप चिन्हों और सुक्ष्म रेखाओ से पूर्ण मस्तिष्क रेखा होती हैं ऐसे व्यक्ति में बुद्धि या समझ नाम की कोई चीज नहीं होती। इनके मस्तिष्क का विकार जन्म-जात होता हैं और उसका कोई सुधार नहीं हो सकता।
दूसरी श्रेणी के जातको में मस्तिष्क रेखा छोटे-छोटे लहरदार टुकड़ो की बनी होती हैं जो विभिन्न दिशाओं की ओर मुड़ी होती हैं उसमें बहुत सी रेखाएं जीवन रेखा के अंदर मंगल क्षेत्र से आरम्भ होती हैं और दूसरे मंगल क्षेत्र की ओर दौड़ाती हैं। ऐसी बनावट के साथ नाख़ून छोटे और लाल रंग के होते हैं। इस प्रकार के पागल अत्यंत बदमिजाज झगड़ालू और शोर-शराबा करने वाले होते हैं। ये लोग कभी होश में भी आ जाते हैं, परन्तु ऐसे अवसर बहुत काम होते हैं इन लोगों की दशा में भी सुधार होने की कोई आशा नहीं होती। Vedic astrology course
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