कुंड़ली में तलाक के योग- हम सभी का एक सपना होता हैं, कि हमारा समय से विवाह हो जाए और फिर हम अपने जीवन साथी के साथ सुखद जीवन बितायें। कभी-कभी सब कुछ होते हुए भी आपस में पति-पत्नी में वाद-विवाद होता रहता हैं और ये विवाद इतना बढ़ जाता हैं कि हालात तलाक तक आ जाते हैं न जाने कब इतना प्यार होते हुए भी अहम व गलत-फहमी के चलते रिशतों में दुरी बन जाती हैं। आईये कुंड़ली में सबसे पहले देखते हैं कि ग्रहों के कैसे योग हैं। जो तलाक तक करवा देते हैं और कुंड़ली में तलाक के योग या आपके जीवन में अगर तलाक की स्थिति बन रही हैं, तो क्या उपाय कर के तलाक से बचा जा सकें।
कुंड़ली में सप्तम भाव व भावेश से ही विवाह के सुख दुख के बारे में जानते हैं और गुरु व शुक्र को जो विवाह के कारक हैं, अगर केंद्र या त्रिकोण में हो तो सभी अरिष्टों को हर लेते हैं, इनकी शुभ स्थिति गृहस्थ सुख के लिए देखी जाती हैं। हमसें मिलने के लिए सम्पर्क करें!
नवांश कुंड़ली जो जन्म कुंड़ली का पुरक होती हैं, इसमें भी ग्रहों की स्थिति शुभ अवस्था में हो तो बताती हैं कि विवाह सुख कितना हैं।
विवाह के भावों (2, 7, 11) में पापी ग्रहों का प्रभाव हो तो विवाह सुख में कमी देते हैं क्योंकि पापी ग्रह पृथकता/अलगाव लाते हैं। सप्तम भाव या सप्तमेश पर पापकर्तरी योग बने तब विवाहित जीवन एक घुटन भरा बन जाता हैं।
सप्तमेश अपने से छ्ठे, आठवें या बारहवें भाव में किसी पाप ग्रह राहु या शनि के साथ पाप प्रभाव में हो।
अष्टमेश की स्थिति पहले भाव, दूसरे भाव जो परिवार का भाव हैं, चतुर्थ भाव जो घर के सुख का भाव हैं, सप्तमेश जो विवाह का भाव हैं, इन भावों में हो तो भी विवाह सुख में कमी लाता हैं।
विवाह कारक गुरु व शुक्र अस्त, नीच, पाप प्रभाव या अष्टमेश के साथ हो तो तनाव बना रहता हैं। किसी भी सवाल के लिए यहां क्लिक करें!
सप्तम भाव में शुभ ग्रह के साथ नीच का सूर्य हो गुरू, राहु, शनि का प्रभाव हो व शुक्र छटे भाव का स्वामी हो तो रोज़ लड़ाई झगड़ा होता रहता हैं जिसका अंत तलाक होता हैं।
शुक्र का दूसरे या सप्तम भाव में पाप प्रभाव में और शुक्र, पंचम व द्वाद्श भाव में बलवान हो तो किसी तीसरे के आने से तलाक होता हैं।
छठे भाव व चतुर्थ भाव का स्वामी आपस में राशि परिवर्तन करे तो अदालती तलाक होता हैं और बारहवे भाव के साथ परिवर्तन करे तो आपस में अलगाव होता हैं।
लग्नेश व सप्तमेश एक दुसरे से षड़ाष्टक य द्विद्वादश स्थिति में हो तो भी आपस में प्यार नहीं रहता। अपने बारे में जानने के लिए अभी बात करें!
कुंड्ली में मंगल दोष या मांगलिक होने से भी विवाह जैसा मांगलय सुख नहीं टिक पाता।
अगर वैवाहिक सुख में अशांति की शुरुआत हो जल्दी ही कुछ उपाय करने से शांति हो सकती हैं।
Ø मंगलवार को मंदिर के बाहर खड़े हो कर दोनो लाल कपड़े में पताशे रख कर छोटे बच्चे को बांटे। अंक ज्योतिष/वैदिक ज्योतिष सीखें!
Ø हनुमान जी की आराधना करे और अपने विवाहित जीवन की मंगलकामना करे साथ में सुंदर कांड़ पाठ नियमित रुप से करे।
Ø मंगल चंडिका व मंगल गौरी का पाठ करे।
Ø गाय को नियमित रुप से रोटी खिलाए, चिंटियो को सात अनाज का आटा पीस कर मीठे बुरे में मिला कर खिलाए और रोज तुलसी को जल दे।
Ø रविवार को ताम्बे के लोटे में जल व गुड़ ड़ाल कर सूर्य को अर्घ्ये दे। तुलसी की माला से गायत्री मंत्र का जाप करे। पीपल व बड़ के वृक्ष पर पानी दे।
Ø चांदी का सिक्का एक दूसरे को तोफे में दे साथ ही खीर बना कर एक ही कटोरी में खाए।
Ø वास्तु के हिसाब से घर का मुख्य दरवाजा दक्षिण दिशा, पूर्व-दक्षिण कोण या पक्षिम दिशा में होगा तो पति-पत्नि में कलह रहती हैं अगर ऐसा हैं तो अपने मुख्य दरवाजे पर एक पीली नेम-प्लेट या पीला झण्डा लगा दो या घर की छत पर एक पीला झण्डा लगा दे। कमरे में हल्का गुलाबी रंग करवा दे।
Ø घर में सीलन न आने दे, घर की दीवार पर पीपल न उगने दे। घर के दक्षिण-पक्षिम कोने में एक सुंदर पक्षियों के जोड़े लगाए साथ में अपनी भी विवाह की कोई तस्वीर जिसमें आप दोनो एक साथ प्रेम से मुस्कुरा रहे हो वह भी अवशय लगाए। अन्य उपायों के बारे मेंं जाने!
अगर आप भी सभी सम्भव उपाय करने के बाद अपने रिशते को संवार नहीं पा रहे हैं और अपनी गृहस्थी के सुख से वंचित हैं तो आये हम अपने प्रयास से आपकी समस्या का समाधान कर सकने की हर सम्भव कोशिश करेगे जिससे आपका दुखद जीवन सुखद बन सके।
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