Coral Stone: मूंगा रत्न मंगल ग्रह के लिए धारण किया जाता हैं। Munga Ratna कार्बोनेट से बना हैं, जो हड्ड़ियों के लिए अच्छा होता हैं। The coral stone is conceived from the bushes of living creature in the sea water called polyps. अगर मूंगा स्टोन हानिकारक रसायनों के सम्पर्क मे आए जैसे अमोनिया, नाइट्रोज़न, इत्र आदि तब इसकी प्राकृतिक गुणवत्ता क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। यह रत्न बहुत नाज़ुक व गर्म होता हैं, जो समुद्र की गहराई में पाया जाता हैं। इसका आकार अंडाकार व त्रिभुज़ होता हैं। जिसका रंग सफेद व लाल हो सकता हैं। सफेद मुंगा शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता हैं। यह ठोस व चिकना होता हैं यह अपने वज़न से कम दिखाई देता हैं। मूंगा पहनने से गुस्से में काबु आता हैं और रक्त सम्बंधित परेशानियां दूर होती हैं। यह आत्मविश्वास, साहस व सकारात्मकता देता हैं। जिससे चेहरे पर तेज आता हैं और शारीरिक शक्ति, जुनून, क्रोध में कमी, यौन इच्छा, महत्वकांक्षा, प्रतिस्पर्धा, रक्त, हड्डियों में मज़बूती व सहन शक्ति में वृद्धि होती हैं। जो लोग पुलिस, डाक्टर, सलाहकार, इंज़ीनियरों, खेल, सम्पत्ति व मैंनेजमेंट का काम करते हैं वह इसे धारण कर सकते हैं। Take Appointment
वैदिक ज्योतिष: वैदिक ज्योतिष के अनुसार मूंगा को मंगल ग्रह की कमज़ोरी को दूर करने के लिए पहनते हैं। लाल मूंगा रत्न शरीर में ताकत देता है क्योंकि मंगल सभी ग्रह ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता हैं और मंगल ग्रह सभी ग्रहों में सेनापति हैं। जब मंगल 1, 3, 5, 9, 10 या 11 भाव में स्थित या इन भावों का स्वामी हो या मंगल ग्रह अपनी स्वराशि मेष अथवा वृश्चिक राशि, ऊच्च राशि मकर में स्थित होकर कमज़ोर अवस्था में हो तो मंगल ग्रह को मज़बूत करनें के लिए मूंगा रत्न मंगल की शुभ होरा में धाराण करना चाहिए। अगर मंगल ग्रह 2, 7, 8, 12 से सम्बंध रखे या नीच राशि कर्क में नीच के अंशो में हो तो बिना सलाह के धारण नहीं करें। अगर मूंगा स्टोन पहनने के बाद कोई दुर्घटना हो, चेहरे पर दाने हो, गुस्सा, चिड़चिड़ापन, कड़वी भाषा, वाद-विवाद, ज़मीन या भाई-बहनों से झगड़ा, खून की परेशानी या वैवाहिक जीवन में परेशानी हो तो मूंगा रत्न नहीं पहनें।
मुंगा रत्न धारण विधि: मूंगा को तांबे, पीतल, सोने या पंच-धातु में, शुक्लपक्ष के मंगलवार या मंगल की होरा में मंत्रों के उच्चारण सहित मध्यमा उंगली मे धारण करना चाहिए।
मंत्र- “ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:” जप संख्या: 1000 Why Worried? Ask a question and get solutions
मूंगा का उपरत्न: लाल सुलेमानी व कारनिलियन
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रत्न का सीधा असर हमारे शरीर से मन पर पढ़ता हैं। हमारे शरीर मे सात चक्र हैं, इन सातों के अलग-अलग रंग हैं, ये चक्र हमारे मन पर असर डालते हैं। हमारे आस पास रंग ही रंग हैं, बिना रंग के तो दुनिया भी बेरंग होगी। उसी प्रकार रत्न का असर भी हम तक तरंगो के माध्यम से पहुँचता हैं। रत्न के बहुत फायदे हैं और उसका फायदा तभी होगा जब आप सही वज़न, चमक, रंग देख कर पहनें क्योंकि हर चमकती चीज सोना नहीं होती! रत्न में अद्दभुत शक्ति होती हैं, यह रास आ जाए तो आसानी से आसमान पर भी पहुंचा देती हैं और जिस ग्रह का भी रत्न रास आ जाए उस ग्रह से जुड़े फायदे मिलते हैं! रत्न को ग्रह की स्थति, लग्न व दशा के अनुसार देख कर ही पहनें। रत्न भी सही वज़न का होना चाहिए नहीं तो फल देने मे विलम्ब करेगा और आप सोचेंगे की इतना महंगा रत्न पहना हैं फायदा नहीं दे रहा! इसलिए आप सही तरह कुंडली दिखा कर और अच्छी जगह से ही रत्न खरीदें।
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