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Pearl

Pearl Stone- Moti मोती एकमात्र ऐसा रत्न हैं, जिसकी उत्त्पत्ति जीवों से होती हैं। While some oysters die after Pearl extraction. Any mollusk can produce a pearl, but most natural pearls are found in mollusks with two shells like an Oyster. Moti मोती का रंग सफेद दुधिया से सुनहरा तक होता हैं और यह बैंगनी से काले रंग तक का होता हैं। हर मोती का रंग अद्वितीय और चमकदार हैं। मोती की पहचान यही हैं कि यह पारदर्शी नहीं होता, यह बहुत ही मुलायम व चमकदार होता हैं, इसका जितना वज़न होता हैं उससे कम ही दिखाई देता हैं। हर एक मोती अपने में अनोखा होता हैं। मोती को ग्रहों में चंद्रमा की शक्ति बढ़ाने के लिए धारण किया जाता हैं जिससे हमारे शरीर में कैल्शियम कार्बोनेट और मस्तिष्क की कोशिकाएं सक्रिय होकर न्युरॉन के रसायन भी सक्रिय होते हैं जिससे मन व शरीर को राहत के साथ अवसाद मे कमी आती हैं। इससे अतिरिक्त विचारों में अस्थिरता, कमज़ोर भावनायें, असंवेदनशीलता, भावनाओं में उथल-पुथल, माईग्रेन और मन पर अनियंत्रण हो तो सुधार आता हैं। मोती को मानसिक शांति के लिए, आत्मविश्वास, ध्यान की शक्ति, सौंदर्य, कल्पना शक्ति, सकारात्मकता, अध्ययन, एकाग्रता, अच्छी नज़र, वहम व अनचाहे ड़र को दूर करने के लिए या जल व दूध के काम के लिए धारण किया जाता हैं।

वैदिक ज्योतिष- वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा ग्रह को बल देने के लिए व चंद्रमा ग्रह से जुड़े कारकत्व को बढ़ाने के लिए मोती रत्न को धारण किया जाता हैं। जब चंद्रमा ग्रह 1, 2, 4, 5, 9, 10, 11 भावों का स्वामी हो व शुभ चंद्रमा, उच्च राशि वृषभ, स्वराशि कर्क, मित्र राशियों में हो और इनकी दशा चल रही हो तो मोती स्टोन धारण कर सकते हैं।

जब चंद्रमा ग्रह 3, 6, 8, 12 भावों का स्वामी हो या नीच राशि वृश्चिक में हो या अष्टम भाव में बैठा हो तब धारण नहीं करना चाहिए। अगर हारमोंन्स में असंतुलन, अवसाद, दिमागी असंतुलन, पैरालाईस, मिर्गी के दौरे, जुकाम, ब्रोंकाईटिस, विचारों मे असंतुलन, हवादार विचार, नकारात्मकता महसूस हो तो मोती धारण नहीं करें। मोती रत्न के साथ राहु/केतु के रत्न गोमेद या लहसुनियां, हीरा, नीलम धारण नहीं करें।

मोती रत्न का उपरत्न- मून स्टोन

मोती रत्न धारण विधि- मोती रत्न को चाँदी की धातु में कनिष्ठा में, सोमवार को चंद्रमा की होरा में मंत्रों द्वारा धारण करना चाहिए। यह एक पहले रात भर गंगा जल में रखने के बाद शुक्ल-पक्ष के सोमवार या चंद्रमा की होरा में धारण करना चाहिए। बच्चे चांदी की चैन व चांदी के लॉकेट में धारण करें। सीधे हाथ की छोटी उंगली में चांदी की अंगुठी में मत्रों सहित धारण करने से ही उचित लाभ मिलता हैं।

मंत्र: “ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्रयाये नम:” जप संख्या- 11000     अन्य उपायों के बारें मे यहां देखें।   

अधिक जानाकारी के लिए हमारा विड़ियों देखे। 

हम अपनी कुंडली के कमज़ोर ग्रहों को बलवान करने के लिए रत्न धारण करते हैं। लेकिन ये भी याद रखना चाहिए कि रत्न कभी जादू नही करते वह ग्रहों की दशा की अनुसार ही अपना प्रभाव दिखाते हैं। प्रत्येक ग्रहों के अनुसार सबके अलग-अलग रत्न हैं और सबको एक जैसा रत्न फायदा या नुकसान नहीं दे सकता हैं। इसलिए अच्छे और उपयोगी रत्न के लिए एक ज्योतिष से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए क्योंकि रत्न अगर फर्श से अर्श तक पहुंचा सकता हैं तो वह अपने नकारात्मक प्रभाव से अर्श से फर्श तक भी पहुंचाने मे देरी नही करेगा।   Take Appointment   

रत्नों का सीधा असर हमारे शरीर से मन पर पढ़ता हैं। हमारे शरीर में सात चक्र हैं, इन सातों के अलग-अलग रंग हैं, ये चक्र हमारे मन पर असर ड़ालते हैं। हमारे आस पास रंग ही रंग हैं, बिना रंग के तो दुनिया भी बेरंग होगी। उसी प्रकार रत्न का असर भी हम तक तरंगो के माध्यम से पहुँचता हैं। रत्न के बहुत फायदे हैं और उसका फायदा तभी होगा जब आप सही वज़न, चमक, रंग देख कर पहनें क्योंकि हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती! रत्न में अद्दभुत शक्ति होती हैं, यह रास आ जाए तो आसानी से आसमान पर भी पहुंचा देती हैं और जिस ग्रह का भी रत्न रास आ जाए उस ग्रह से जुड़े फायदे मिलते हैं! रत्न को ग्रह की स्थति, लग्न व दशा के अनुसार देख कर ही पहनें। रत्न भी सही वज़न का होना चाहिए नहीं तो फल देने में विलम्ब करेगा और आप सोचेंगे की इतना महंगा रत्न पहना हैं, लेकिन फायदा नहीं दे रहा! इसलिए आप सही तरह कुंडली दिखा कर और अच्छी जगह से ही रत्न खरीदे।  Why Worried? Ask a question and get solutions! 

आप हमसे सलाह लेकर जान सकते हैं कि आपके ग्रहों के अनुसार आपके लिए कौनसा रत्न फायदेमंद होगा और आप हमसें सम्पर्क करके घर बैठे प्राणप्रतिष्ठित रत्नों की प्राप्ति भी कर सकते हैं। इनका प्राईज़ आपसे बात कर के रत्नों की क्वालिटी और वज़न के हिसाब से आपको बताया जाएगा। +917701950631

When the stone is worn in a ring or pendent the continuously vibrating power of planets is absorbed in the individual’s aura. If we wear it in normally jewels forms when stone’s energies not work indirectly in our aura. Interesting fact: in old age, the fiery red ruby gemstone is used for just ornaments for beauty. Over the ages, it has recognized the beautiful ruby with many magical powers. These four gems are called precious gems 1. Diamond, 2 Sapphires, 3 Emeralds, 4 Ruby is a king of the gems. It is a hard gemstone but after cutting it can be delicate.

 


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