Vaastu
Contact Us

Bed-room- Vaastu

Vastu for BedRoom - वास्तु अनुसार शयन-कक्ष का चुनाव:

आधुनिक युग में घर के सभी कमरों के साथ शयन-कक्ष को उच्च प्राथमिकता व महत्व दिया गया हैं, क्योंकि सारे दिन का थका-हारा व्यक्ति घर जा कर राहत और आराम चाहता हैं, आराम का प्राकृतिक माध्यम नींद ही हैं। कोई भी दवाई इतनी राहत नहीं दे सकती जो आराम की नींद देती हैं। शयन-कक्ष आकृषित, शांतिपुर्ण और आरामदायक होना चाहिए। अच्छी नींद आने के बाद ही, फिर से सुबह प्रसन्नता व ताज़गी का अहसास होता हैं। गहरी नींद के बाद हमारा शरीर पुन: ऊर्जावान हो जाता हैं। अगर किसी व्यक्ति को घर में अशांति हो या गहरी नींद ना आती हो तो उसका शयन-कक्ष असंतुलित होता हैं। 6-8 घण्टे की आराम-दायक नींद से ही हमारे शरीर की थकान दूर होती हैं, फिर क्यों न घर के मुख्य कमरे का चुनाव वास्तु अनुसार किया जाये।        

  • घर के सदस्यों के प्रयोज़न अनुसार शयन-कक्ष का चुनाव-
  • विशवकर्मा प्रकाश के अनुसार शयन-कक्ष की मुख्य दिशा दक्षिण दिशा होती हैं।
  • मास्टर बैड़ रुम अन्य कमरों से बड़ा होना चाहिए। जिससे घर के मुखिया का कार्य क्षेत्र में दबदबा बना रहे और धन का प्रवाह भी बना रहे।
  • दक्षिण दिशा में व्यक्ति अपने कार्य-क्षेत्र में कुशलता पाता हैं और जो लोग नई-नई चीज़ो की खोज़ करना चाहते हैं, जिससे उनको यश की प्राप्ति हो, उन्हें भी इसी दिशा में सोना चाहिए। इसी दिशा में सोने से व्यक्ति को पूर्णता आराम की नींद आती हैं।     वास्तु के अन्य आर्टीकल्स पढ़ने के लिए यहा‌ क्लिक करे‌! 
  • उत्तर दिशा में शयन-कक्ष होने से धन व कार्य-क्षेत्र में नए अवसरों का आगमन बना रहता हैं। यह दिशा उन बच्चों के लिए उपयुक्त हैं, जो बच्चे अभी अपनी शिक्षा पूर्ण कर आए हैं और व्यवसाय में नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं, नौकरी चाहते हैं, इस दिशा के संतुलन होने से नई नौकरी के अवसर प्राप्त होते हैं। ज़ीवन में स्फुर्ति व ताज़गी भी बनी रहती हैं। अगर यहां सोने से नींद में कमी आए तो शयन-कक्ष बदल लेना चाहिए।
  • पूर्व दिशा में सोने से व्यक्ति समाज़ से सदा जुड़ा रहता हैं। सामाज़िक व राज़नैतिक गतिविधियों में रुचि रखने वालो का यहां सोना लाभदायक होता हैं। अविवाहित बच्चे यहां सो सकते हैं। सरकार से जुड़ा कोई कार्य या सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले बच्चों के लिए पूर्व दिशा उत्तम रहती हैं। ईशान की दिशा खुली हो तो यहां का शयन-कक्ष बहुत लाभ देता हैं। 
  • पश्चिम दिशा में सोने से व्यक्ति को धन व लाभ की प्राप्तियां होती हैं। जो लोग बहुत ही मेहनत का काम करते हैं, उनके लिए भी यह दिशा बहुत शुभ रहती हैं। बच्चों के लिए भी यह दिशा ठीक हैं।       
  • उत्तर-पूर्व में सोने से पागलपन, वज़न बढना, साईनेस, भावुकता, चिड़चिड़ापन, भ्रम व तनाव होता हैं, जिससे व्यक्ति की याद्दाशत भी कमज़ोर होती हैं और जुकाम की परेशानी भी बनी रहती हैं। यह ज़ल की दिशा हैं, यहां सोने से मन में हमेशा ज़ल की तरह हलचल रहेगी। 10-12 साल तक के बच्चे यहां सो सकते हैं। 60-65 साल की उम्र के व्यक्ति भी यहां सो सकते हैं।  
  • दक्षिण-पूर्व में सोने से व्यक्ति बेवज़ह क्रोध व तनाव में रहता हैं, वह छोटी-छोटी बात पर चिढ़-चिढ़ा रहता हैं और लालची भी हो जाता हैं। हमेशा दिमाग व्यापार की परेशानी की तरफ लगा रहेगा।
  • जिन लोगो को बेवज़ह ड़र लगता हो उनको दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में सोने से आत्म-विशवास में बढौतरी मिलती हैं।   
  • उत्तर-पश्चिम में सोने से बैंक व आर्थिक मदद तो मिलती रहती हैं परंतु व्यक्ति की सोच बढ़ जाती हैं, कार्य पूर्ण नहीं हो पाते। मेहमानों के सोने के लिए यह जगह ठीक रहती हैं।
  • उत्तर-उत्तर-पूर्व स्वास्थ्य की दिशा हैं, यहां रोगी व्यक्ति को सोना चाहिए जिससे वह शीघ्र स्वस्थ हो सके।
  • पूर्व-दक्षिण-पूर्व में सोने से व्यक्ति हमेशा चिंताओं व परेशानीयों में घिरा रहता हैं। यहां सोने से बिना बात के झगड़े होते हैं और ऐसे झगड़े जिनका सिर पैर नहीं होता। यहां भी 10-12 साल के बच्चे व 60-65 साल के वृद्ध सो सकते हैं।   
  • जो लोग शेयर-मार्किट में दक्ष हैं, वे पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में सो सकते हैं।  
  • पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में सोने से अवसाद व तनाव बना रहता हैं। व्यक्ति को थायरायड़ की समस्या रहती हैं। यहां सोने से मन कमज़ोर रहता हैं। यहां शौचालय ठीक रहता हैं।    
  • दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में सोने से व्यक्ति को अपना ज़ीवन उत्साह-हीन लगता हैं। सारे कार्य व सेहत बिगड़ जाती हैं। यहां सोने से प्रज़नन क्षमता प्रभावित रहती हैं     
  • उत्तर-उत्तर-पश्चिम में नव-दम्पत्ति को सोना चाहिए जिससे उनका आपस में स्नेह बना रहे।
  • विशवकर्मा प्रकाश के अनुसार गर्भवती महिला को गर्भ के आखिरी महीने में दक्षिण-पश्चिम में सोना चाहिए।  
  • घर के ब्रहम स्थान में कभी भी सोने का कमरा नहीं होना चाहिए। 
  • कुछ महत्वपूर्ण बातें-
  • सोते समय व्यक्ति का सिर दक्षिण या पूर्व में हो तो बेहतर रहता हैं और शरीर के सभी चक्र बैलेंस रहते हैं। उत्तर में सिर रखने से मानसिक तनाव होता हैं।  
  • शयन-कक्ष में स्नानघर उत्तर या पश्चिम या दिशा में होना चाहिए और स्नानघर कभी भी बिस्तर के सामने नहीं चाहिए। बाथरुम का दरवाज़ा सदैव बंद रखना चाहिए।
  • पूर्व या उत्तर में खिड़की होनी चाहिए। जिससे सुबह-सुबह खिड़की से प्राकृतिक रोशनी व ताज़ी हवा का संचार हो सके। शयन-कक्ष का द्वार एकल होना चाहिए जो खिड़की के विपरीत हो और प्रवेश द्वार भी एक ही रखे नहीं तो एकांत नहीं मिल पाता।
  • सोने के लिए पलंग की लकड़ी शुद्ध होनी चाहिए व किसी भी प्रकार की धातु का पलंग न बनवाए। पलंग को ठीक द्वार के सामने न रखे, परंतु ऐसे रखे कि लेटा हुआ व्यक्ति आसानी से आने वाले दूसरे व्यक्ति को देख सके।
  • दक्षिण या पश्चिम दिशा में अलमारी व भारी सामान रखे। कमरे में तिज़ोरी न रखे, अगर बहुत ही आवशयक हो तो वह दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखे। दक्षिण की दीवार पर तिज़ोरी भी शुभ हैं, उत्तर की ओर खुलती हुई तिज़ोरी सबसे शुभ होती हैं।
  • उत्तर या पूर्वी दीवार पर बिना दर्पण के ड्रेसिंग टेबल रखे अगर शीशा लगा हो तो इस तरह रखे कि सोते हुए कोई भी शरीर का भाग शीशे में नहीं दिखाई देना चाहिए। अगर छोटी सी मेज़ रखनी हो तो वह उत्तर, ईशान या पूर्व दिशा में रखे। 
  • एक सुंदर सी मनमोहक तस्वीर कमरे में लगाए, कमरे में जैसे ही कोई आए तो उसको वह खूबसुरत तस्वीर दिखाए देनी चाहिए। एक तस्वीर जैसे उगता सूर्य, चहचहाते पक्षी, हरियाली, बहता पानी या कोई आकृषित चिंह ऐसे लगाए कि सुबह जागते ही आपकी आंखो के सामने दिखे। घड़ी उत्तर या पूर्व की दीवार में होनी चाहिए।
  • टेलीविज़न को उत्तर दिशा में रखने से व्यक्ति अपने व्यवसाय से जुड़े कार्यक्रम देखना पसंद करता हैं। पूर्व-उत्तर-पूर्व दिशा मनोरंज़न की दिशा हैं, यह टेलीविज़न के लिए आदर्श दिशा हैं। आग्नेय दिशा में टी.वी हो तो व्यक्ति धन आगमन व एकशन फिल्में देखना पसंद करता हैं। आराम व यश की दिशा में टी.वी. होने से व्यक्ति सकून महसूस करता हैं। दक्षिण-पश्चिम में रखा हुआ टी.वी. जातक की दक्षता को बढ़ाता हैं और व्यापारियों के लिए टी.वी. की उचित दिशा पश्चिम दिशा होती हैं।       
  • अगर कमरे में कम्पयुटर रखना हो तो दक्षिण-दक्षिण-पूर्व, दक्षिण व उत्तर-पक्षिम दिशा में रख सकते हैं। कैरियर की तरफ जागरुक रहने वालो के लिए उत्तर दिशा में रखना चाहिए। समाज़ से जुड़े रहने के लिए पूर्व दिशा बेहतर रहती हैं। धन का सही प्रवाह चले उसके लिए लिए आग्नेय दिशा उपयुक्त रहती हैं। दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखने से दक्षता व मिलने वाले परिणामों में बढौतरी होती हैं।        
  • हीटर को पूर्व, दक्षिण, दक्षिण-पूर्व व दक्षिण-दक्षिण-पूर्व दिशा में रख सकते हैं। एक बात ध्यान भी रखनी चाहिए कि अगर इन दिशाओं में रखा हीटर खराब होता हैं, तो उसे तुरंत ठीक करवाए।    
  • ए. सी. को पश्चिम, वायव्य या पूर्व की दिशा में रखे। 
  • हीटर को दक्षिण-पूर्व व दक्षिण-दक्षिण-पूर्व दिशा में रख सकते हैं।
  • अगर घर में अलग से पढने का साधन नहीं हैं तो बच्चे की टेबल कमरे के उत्तर या दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिशा में रख सकते हैं। 
  • वैसे तो रंगो का चुनाव दिशा अनुसार करना चाहिए। सामान्य रुप से यहां हल्का गुलाबी, हल्का नीला या हरा रंग बेहतर रहता हैं।
  • उत्तर, ईशान या पूर्व में हल्के पर्दे व दक्षिण, नैत्रृत्य व पश्चिम में भारी पर्दे होने चाहिए।  
  • शयन-कक्ष के दक्षिण-पश्चिम दिशा में कभी भी स्नान-घर या शौचालय नहीं होना चाहिए।       
  • इन सब बातों के अलावा आपके घर का शयन-कक्ष अगर वास्तु अनुसार नहीं हैं, जिससे किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं, और उसका निज़ात आपको नहीं मिल पा रहा या आप समझ नहीं पा रहे हैं, तो ज़रुर आपके घर में वास्तु दोष हैं। आप वास्तु से जुडी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमसे सम्पर्क करे, हम बिना किसी तोड़-फोड़ के रंगो व आसान उपायों द्वारा आपके घर के वास्तु दोषों को कम करने की कोशिश करेंगे।      

 

Directions:--

उत्तर= उ०= North

उत्तर-उत्तर-पूर्व= उ०-उ०-पू= North-North-East

उत्तर-पूर्व= उ०-पू०= North-East

पूर्व-उत्तर-पूर्व= उ०-पू०-उ०= East-North-East

पूर्व=पू०= East

पूर्व-दक्षिण-पूर्व= पू०-द्०-पू= East-South-East

दक्षिण-पूर्व= द्०-पू= South-East

दक्षिण-दक्षिण-पूर्व= द्०-द्०-पू= South-South-East

दक्षिण= द्०= South

दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम= द्०-द्०-प्०= South-South-West

दक्षिण-पश्चिम= द्०-प्०= South-West

पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम= प्०-द्०-प्०= West-South-West

पश्चिम= प्०= West

पश्चिम-उत्तर-पश्चिम= प्०-उ०-प्०= West-North-West

उत्तर-पश्चिम= उ०-प्०= North-West

उत्तर-उत्तर-पश्चिम= उ०-उ०-प्०= North-North-West


Fill this form and pay now to book your Appointments
Our team will get back to you asap


Talk to our expert

 


Ask Your Question


Our team will get back to you asap