Raam Mandir Vaastu Ram Mandir Vaastu for Raam Mandir Raam Janam Bhumi Raam Nirmaan Ayudhyaa Uttar Pardesh “जय श्री राम”
हिंदु धर्म के अनुसार श्री हरी के अवतार राम जी का जन्म अयोध्या में हुआ जिसे राम जन्म भूमि कहा जाता हैं। 15वीं श्ताब्दी में मुगल शासको ने मंदिर को खंडित करके राम जन्म भूमि पर मस्जिद का निर्माण करवाया फिर 1850 से इस मामले का विवाद शुरु हुआ और 1990 में विश्व हिंदु परिषद ने राम लिखी ईटें और धन राशि एकत्रित की फिर 1992 में विवाद ने हिंसक रुप लिया तब मस्जिद का ढ़ाचा गिरा दिया गया इसके बाद 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जगह को एक ट्र्स्ट को सौप दिया, जिसके बाद 2020 से राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरु हुआ। 5 अगस्त 2020 में राम मंदिर का निर्माण शुरु हुआ जिसमे आधारशिला के रुप में 40 किलो चांदी की ईट की स्थापना हुई और 3 साल 6 महीने बाद 22 जनवरी 2024, 12:20 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त मृगशिरा नक्षत्र पर राम लल्ला के बाल स्वरुप के विग्रह का स्थापन किया जाएगा। राम मंदिर के क्षेत्र का माप वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के पैरों द्वारा माप कर शुरु किया गया है जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदु मंदिर बनेगा। राम का पूरा मंदिर लगभग 70 एकड़ भूमि के परिसर में तैयार होगा यह मंदिर 235 फीट चौड़ाई 360 फीट लम्बाई और 160 फीट ऊंचाई का नागर शैली में बनाया जाएगा। इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के बंसी पर्वत गांव के गुलाबी बलुआ पत्थर से हो रहा हैं, इसमे लोहे का ईस्तेमाल नहीं किया जाएगा। यह मंदिर का प्रवेश द्वार पूरव मुखी हैं, जिसके प्रवेश द्वार पर 32 सिढ़ियां हैं, जिसमे शुरु में रंग मंड़प फिर नृत्य मंड़प फिर गूढ मंड़प और उत्तर की ओर प्रार्थना मंड़प और दक्षिण में कीर्तन मंड़प और फिर पश्चिम में वास्तु अनुसार सबसे बड़ा और भारी ऊंचा गर्भ मंड़प जो अष्टकोणीय गोलिय आकार और तीन मंजिल का होगा। इस मंदिर में राम जी की वास्तविक मूर्ति जो 1949 वर्ष में मिली थी वह और दूसरी गर्भगृह में 5 वर्ष के 51 इंच की खडे हुए राम लल्ला के विग्रह जो शालिग्राम शिला से बनाई जाएगी वह स्थापित किया जाएगा, जिसमे सूर्य की किरणे सीधे राम लल्ला पर पड़ेगी। दूसरी मंज़िल पर राम दरबार रहेगा। मंदिर में लगने वाली खिड़कियां और 36 दरवाज़े सागौन की लकड़ी से बनी हैं, जिसमे 18 गर्भ गृह के दरवाजे में सोने से निर्माण और हनुमान जी और गरुड़ की प्रतिमाए होंगी। इसी मंदिर के परिसर में सीता कुड़ जो परिसर के मध्य में है और पश्चिम में लक्ष्मण वाटिका, दक्षिण में हनुमान वाटिका, पश्चिम में जटायु हिल्स, नोर्थ ईस्ट में पार्किंग का खुला स्थान हैं, उत्तर पश्चिम में पूजारी स्टाफ की जगह और उत्तर में सरयु नदी हैं, जहां स्नान तट बनेगा और राम कथा और संग्राहलय जिसमे 500 वर्ष का इतिहास होगा। मंदिर में 2100 किलो का जलेसर के बने पीतल का 6 फुट ऊंचा और 5 फुट चौड़ा का एक विशाल घंटा लगाया जाएगा। मंदिर में 392 स्तम्भ है जिसमे गज़ब की मूर्तियों की कारिगिरी की गई हैं और दीवारों पर राम जी की कलाकृत्तियां और प्रसंग चित्रित किए जाएंगे। इस मंदिर परिसर मे 27 नक्षत्र के 27 पेड़ लगाए जाएंगे। इस मंदिर में चार द्वार हैं, पूर्व में मुख्य सिंह द्वार, दक्षिण में गज़ द्वार स्थित हैं। राम मंदिर के परिकोटे में राम जी के साथ अन्य सम्बंधित लोगों के भी मंदिर बनाए जाएंगे। जिसमे अन्य लाईब्रेरी, व्याखान कक्ष, प्रशाद ग्रह, जलकुण्ड, गोशाला, लाईट शो आदि का निर्माण किया गया हैं। राम मंदिर का निर्माण सभी हिंदुओं भारतीयों का सपना हैं, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा होना लोगो के रोम रोम में राम का होना दिखाता हैं।
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