हर दिशा अपने में महत्वपूर्ण होती हैं सभी दिशाओं में पंचतत्व का महत्व होता हैं।
दीवाली की पूजा में अगर विधियों के अनुसार वास्तु का भी ध्यान रखा जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा। भारत में दीवाली के समय में रंगोली का बहुत पुराना प्रचलन हैं क्योंकि रंगों का बहुत महत्व हैं और लक्ष्मी के आगमन के लिए फूलों व रंगों से उनका स्वागत किया जाता हैं। जिस दिशा में मुख्य दरवाजा हैं, उसी हिसाब से रंगों का चयन करना चाहिए।
वैदिक शास्त्रों के अनुसार मुख्य दिशा का बहुत महत्व होता हैं, दीपावली के दिन मुख्य द्वार को फूलो व अशोक/आम के पत्तियों से वंदनवार लगाए और प्रवेश द्वार पर कलश में भी जल भर कर रखे। उत्तर दिशा में मुख्य दरवाज़ा हो तो लाल रंगों का प्रयोग न करें दीवारों पर भी लाल गुलाबी रंग का इस्तेमाल न करें। यह ज़ल की दिशा हैं, यहाँ हरे व नीले रंगो से रंगोली बनाए। उत्तर में एक आईना रखने से धन-सम्पत्ति का आगमन होता हैं, उत्तर में ही एक पानी का फव्वारा भी रखे। पूर्व मुखी वाले दरवाज़े में नीले रंग का प्रयोग न करें, हरे व लाल रंग से रंगोली बनाए। पुर्व में बुद्धा की प्रतिमा व घोड़े भी लगाने चाहिए जिनके पैर आगे से उठे हो। दक्षिणमुखी वाले नीले रंग का प्रयोग न करें, लाल, हरा, पीला रंग से रंगोली बनाए। पश्चिम मुखी वाले हरे रंग का प्रयोग न करें, पीला, लाल व सफेद रंग का ही अधिक प्रयोग करें। ब्रह्म स्थान में पानी में जलती हुई मोमबत्ती जलाए और सफेद रंग की फुलों के साथ रंगोली बनायें।
हमारी उत्तर, उत्तर पूर्व और दक्षिणपूर्व धन आने की दिशाएं होती हैं, इसको हमेंशा साफ रखे और यहाँ कभी भी साफ सफाई की वस्तुएं न रखें। अगर वास्तु के अनुसार रसोई नहीं बनी हुई तो दीवाली के दिन रसोई के ईशान कोण में एक पीले कपड़े के ऊपर कलश में ज़ल भर कर उसमें तीन सिक्के रख दे, चुल्हे के उपर पीले रंग से स्वास्तिक बनाए व आग्नेय में पाँच दीपक भी जलाए। नैत्रृत्य में कोई दोष हो तो पंचमुखी बाला जी की मुर्ति घर में रखे।
आग्नेय दिशा में कोई भी पानी का स्रोत्र नहीं रखे, न ही नीले रंगो का प्रयोग करें। यहाँ दीवाली वाले दिन लाल रंग के पांच दीपक अवश्य जलाए।
दीपावली का पूजन पीले वस्त्र धारण करके करें। धन तेरस के दिन एक चांदी का बर्तन या आभुषण अवश्य खरीदे। धनतेरस के दिन एक छोटा सा चांदी का तराजू खरीदे, जिसे दिवाली के दिन पूजन में रखें। दीवाली के बाद इसे उत्तर दिशा में रखें। एक बॉक्स में कुछ सिक्के रखकर, दीपावली के दिन पूजन स्थल पर रखें फिर घर की सॉउथ वेस्ट दिशा में रखे।
कार्य-स्थल में सफेद कागज़ पर केसर से स्वास्तिक बना कर पूजन स्थल पर रखें, फिर व्यापार स्थल पर WSW दिशा में रखें। धनतेरस के दिन एक चांदी की या सफेद कलम खरीदे, जिसे दीवाली पूजन के बाद WSW दिशा में रखें। चांदी का तराजू खरीदे जिसे पूजा के बाद WSW दिशा में रखें।
घर के उत्तर की दिशा में एक छोटा सा बहते पानी का फव्वारा अथवा चित्र रखें, जिससे आपको कार्य- क्षेत्र में नये-नये अवसरों की प्राप्ति होगी। अगर जीवन में सुकून नहीं हैं और अवसाद महसूस कर रहें हैं तो उत्तर-पूर्व दिशा में बुद्धा का चित्र लगायें जो ध्यान साधना में हो।
इस दीवाली घर के पूर्व/दक्षिण में एक कमल का फूल अथवा चित्र रखें, जिसमें से लाल रंग की रोशनी निकल रही हैं, इससें कर्ज़ की परेशान से राहत मिलेगी और धन आने का प्रवाह बना रहेगा।
घर की दक्षिण दिशा में एक त्रिकोण में सिक्कों से भरा कलश बना हुआ चित्र लगायें जिससें घर में सुख-समृद्धि के साथ यश की प्राप्ति हो।
धनतेरस के दिन घर में पंच धातु का पिरामिड़ स्थापित करें।
घर के सॉउथ-वेस्ट में एक तिज़ोरी बनी हुई जिस पर गेंदें के फूल भी हो ऐसा चित्र रखें, जिससें आपके अनचाहे खर्चें रुक सकें।
पूजा के समय एक षटकोण बनायें, जिसमें कच्ची हल्दी, चावल, सफेद पीले फूल, कौड़ी, गोमती चक्र, कमल गट्टे रखे और उसी के मध्य दीपक जलायें, जिससें जीवन में धन-धान्य, सुख-समृद्धि, यश, सूकुन, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
एक षटकोण का चित्र भी लगायें, जिसमें बीच में श्री यंत्र लगा हो, और दूसरी ओर स्वास्तिक लगे हो, जिससें इस दीवाली ऐसे चित्र को लगा कर उसके सामने पूजा करने से वर्ष भर लक्ष्मी जी की कृपा आप पर बनी रहेगी और नकारात्मकता भी दूर होगी।
इस दीवाली पर सॉउथ-वेस्ट दिशा में माँ लक्ष्मी का वास रहेगा। यहां पर एक सोने से भरे सिक्कों का एक कलश चित्र के रुप में लगाये और दिवाली के मूहुर्त के समय पीले फूलों से स्वास्तिक बना कर पांच दीपक जलायें।
अगर आपके जीवन में आकृषण की कमी हैं और आप अपना मनचाहा साथी नही पा रहें हैं तो घर के पूर्व-दक्षिण दिशा में मंडलाकार कमल के रुप में एक चित्र लगायें और वहां दीपक में खुशबु ड़ाल कर नियमित रुप से जलाये। जिससें जीवन में उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा।
अगर आपके जीवन में अवसाद और नकारात्मकता बनी हुई है और आप अकेलेपन की वज़ह से निराश हो रहें हैं, तो सफेद कमल का चित्र जिसमें से ऊपर से दूध की धारा बह रही हैं, उसका चित्र घर के उत्तर-पश्चिम में लगायें। जिससें आपके जीवन में अकेलापन दूर होगा और खुशियों का प्रवाह बनेगा।
दीवाली के दिन घर के दक्षिण-पश्चिम में मंड़लाकार का एक चित्र लगाये, जिसके मध्य में श्री यंत्र बना हो और वह पीले रंग की आकृति हों, जिससे आपके अनचाहे खर्चें रुकेंगे, रिश्तों में प्रेम बनेगा और धन संचित होने के साथ धन का सही जगह प्रयोग होगा।
यह मंड़लाकार आप घर के मंदिर में भी पूजा स्थान पर स्थापित कर सकतें हैं, जिससें आपका ध्यान और पूजा में भी मन लगेगा।
यदि आपको लगता हैं कि कोई ग्रह या दिशा आपको सही परिणाम नहीं दे रही हैं, तो आप इस दीवाली पर इन खुश्बू का प्रयोग करके इनके बुरे प्रभाव को दूर कर सकते है।
****आप सबको दीवाली की बेहद शुभकामानाओं के साथ इस बात का ध्यान रखना हैं, कि जब आप अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ खुशी से त्यॉंहार मना रहे हो तो अपने आसपास भी देख ले की कोई उदास चेहरा तो नहीं, पहले उस उदास चेहरे पर खुशी लाने की कोशिश करना और किसी जरुरतमंद बच्चे को मिठाई, कपड़े व पटाखे ज़रुर दे, फिर उस बच्चे की चेहरे की चमक देखना जो आपको हज़ारों दीपक की रोशनी से भी ज्यादा चमकदार दिखेगी। उसके चेहरे की चमक ही असली दीवाली होगी जो आपको पुर्णता संतोष देगी।**
****Wish you all Happy Diwalii from Raghauv Astrology ****
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