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Yellow Sapphire

Yellow Sapphire- Peela Pukhraj

पुखराज रत्न: पुखराज़ स्टोन की पहचान के लिए इसको आरपार देखा जा सकता हैं, इसकी चमक हीरे जैसी तेज़ होती हैं। पुखराज़ पीले और सफेद रंगो में पाया जाता हैं। यह रिच साईट्रोन, सफेद, सुनहरे सुर्यास्त के रंग का नरम खनिज़ पदार्थ से बना होता हैं। इसमें एल्यूमिनियम, सिलिकेट और फ्लोरियन की शक्ति होती हैं। पुखराज़ को एक कोरंड्म मणि हैं। यह ओवल व चकौर आकर में पाया जाता हैं। असली पुखराज़ गाय के दूध में पुखराज ड़ालने से इसकी किरणे ऊपर तक आती हैं।

ज्योतिष के अनुसार गुरु ग्रह को बलवान करने के लिए यह धारण करते हैं। पुखराज को संतान, शिक्षा, मान-सम्मान, धन, किस्मत, यश, सामाजिक कार्य, गम्भीर विचारों, धर्म-कर्म में आस्था, व्यापार में सफलता, वैवाहिक जीवन के सुख के लिए, कर्ज से मुक्ति, ज्ञान, विवेक, लीवर के सही कार्य, अच्छी पाचन-क्षमता, ज़ीवन में मिलने वाले नए अवसर, विचारों में नवीनता और मज़बूत निर्णय क्षमता के लिए पहना जाता हैं।  किसी भी अन्य सवाल के लिए यहां देखें।

ज्योतिष के अनुसार पीला पुखराज़ को गुरु ग्रह की शक्ति को बढाने के लिए धारण किया जाता हैं। सफेद पुखराज़ भी कुंड़ली मे ग्रहों की स्थिति के अनुसार धारण करना चाहिए। जब कुंड़ली में गुरु ग्रह उच्च करक राशि मे हो, स्व-राशि धनु या मीन राशि या 1, 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11 भावों का स्वामी हो कर कमज़ोर हो तब पुखराज रत्न धारण करना चाहिए। अगर गुरु ग्रह अपनी नीच मकर राशि के अंशों में हैं या 6, 8, 12 भावों का स्वामी हैं तो किसी अच्छे जानकार से विचार कर ही धारण करें। 

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें।

पुखराज़ धारण करने के बाद पेट या लीवर में परेशानी, व्यापार में नुकसान, वैवाहिक ज़ीवन में परेशानी, मोटापा, त्वचा में परेशानी, धन का नुकसान, टूयमर, ड्रापसी हो तो इसे धारण न करें।

पुखराज़ के धारण विधि:- पुखराज़ रत्न बुधवार रात को गंगा ज़ल में रखने के पश्चात शुक्ल-पक्ष के वीरवार को या गुरु की होरा में सोने, पीतल या पंचधातु में तर्जनी उंगली में मन्त्रों के उच्चारण के बाद ही धारण करना चाहिए।

मंत्र: “ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवाय नम:” जप संख्या- 19000

पुखराज़ का उपरत्न- सुनहला  अन्य उपायों के लिए देखें।  

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हम अपनी कुंडली के कमज़ोर ग्रहों को बलवान करने के लिए रत्न धारण करते हैं। लेकिन ये भी याद रखना चाहिए कि रत्न कभी जादू नहीं करते वह ग्रहों की दशा की अनुसार ही अपना प्रभाव दिखाते हैं। प्रत्येक ग्रहों के अनुसार सबके अलग-अलग रत्न हैं और सबको एक जैसा रत्न फायदा या नुकसान नहीं दे सकता हैं। इसलिए अच्छे और उपयोगी रत्न के लिए एक ज्योतिष से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए क्योंकि रत्न अगर फर्श से अर्श तक पहुंचा सकता हैं तो वह अपने नकारात्मक प्रभाव से अर्श से फर्श तक भी पहुंचाने में देरी नहीं करेगा।

रत्नों का सीधा असर हमारे शरीर से मन पर पढ़ता हैं। हमारे शरीर में सात चक्र हैं, इन सातों के अलग-अलग रंग हैं, ये चक्र हमारे मन पर असर ड़ालते हैं। हमारे आस पास रंग ही रंग हैं, बिना रंग के तो दुनिया भी बेरंग होगी। उसी प्रकार रत्न का असर भी हम तक तरंगो के माध्यम से पहुँचता हैं। रत्न के बहुत फायदे हैं और उसका फायदा तभी होगा जब आप सही वज़न, चमक, रंग देख कर पहनें क्योंकि हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती! रत्न में अद्दभुत शक्ति होती हैं, यह रास आ जाए तो आसानी से आसमान पर भी पहुंचा देती हैं और जिस ग्रह का भी रत्न रास आ जाए उस ग्रह से जुड़े फायदे मिलते हैं! रत्न को ग्रह की स्थति, लग्न व दशा के अनुसार देख कर ही पहनें। रत्न भी सही वज़न का होना चाहिए नहीं तो फल देने में विलम्ब करेगा और आप सोचेंगे की इतना महंगा रत्न पहना हैं, लेकिन फायदा नहीं दे रहा! इसलिए आप सही तरह कुंडली दिखा कर और अच्छी जगह से ही रत्न खरीदे।

आप हमसे सलाह लेकर जान सकते हैं कि आपके ग्रहों के अनुसार आपके लिए कौनसा रत्न फायदेमंद होगा और आप हमसें सम्पर्क करके घर बैठे प्राणप्रतिष्ठित रत्नों की प्राप्ति भी कर सकते हैं। इनका प्राईज़ आपसे बात कर के रत्नों की क्वालिटी और वज़न के हिसाब से आपको बताया जाएगा। +917701950631

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