Diamond Stone - Heera Ratna
हीरा: हीरा बहुत ही चमकीला, खूबसूरत, अद्वितीय शाही, सुंदर व पारदर्शी होता हैं। यह मुल्यवान रत्न महिलाओं को बहुत पसंद हैं, जिसको एक गहने के रुप में भी धारण किया जाता हैं। कोहीनूर हीरा भारत में पाया गया था, जो दुनिया का सबसे बड़ा हीरा माना जाता हैं। अब यह लंदन के टॉवर में ब्रिटिश क्राउन ज़्वैल्स का हिस्सा हैं। हीरा में कार्बन परमाणुओं की एक मज़बूत टेट्राहेडल संरचना पाई जाती हैं। यह क्यूबिक जिक्रन के रुप में जाना जाने वाला संश्लेषित सामग्री, जिर्कोनीयियम ड़ाइऑक्साइड का क्रिस्टलीय रुप हैं। हीरा एक ही तत्व से बना हैं जिसमें कार्बन की मात्रा होती हैं, यह विशाल गर्मी में पृथ्वी की सतह के नीचे एक द्र्व्य में कार्बन परमाणु में बंधा एक अनोखे रुप में होता हैं। जिसके परिणाम स्वरुप हीरा एक सुंदर और दुर्लभ क्रिस्टलीय संरचना में दिखाई देता हैं। Why Worried? Ask a question and get solutions!
Heera हीरा रत्न- ज्योतिष के अनुसार ग्रहों में शुक्र ग्रह को बलवान बनाने के लिए यह महंगा व चमकदार रत्न पहना जाता हैं। शुक्र ग्रह को प्रेम व सुंदरता का प्रतीक कहा जाता हैं। इसको पानी में ड़ाले तो यह पानी की सतह तक गहराई तक जाएगा। हीरे स्टोन में कभी रेखा नहीं होनी चाहिए। हीरे रत्न को आकर्षण, साहस, प्रेम, कलाकार, मीडिया, सौंदर्य, यौन शक्ति, कविता, आराम, संगीत, अभिनय, फोटोग्राफी, सुख-साधन, वाहन, सुंदर घर, वैभव व विलासिता के लिए धारण किया जाता हैं। हीरा रत्न शुक्र ग्रह की सकारात्मकता ऊर्ज़ा को बढाता हैं व प्रेम व विवाह का सुख देता हैं। हीरा धारण करने के बाद विपरीत आकर्षण, यौन इच्छा में वृद्धि, मधुमेंह, मोटापा, जलन, मूत्र समस्या या स्वास्थ्य में गिरावट हो तो यह धारण न करे।
वैदिक ज्योतिष- वैदिक ज्योतिष अनुसार शुक्र 1, 2, 4, 5, 9, 10, 11 भावों का स्वामी, स्वराशि वृषभ व तुला राशि, उच्च मीन राशि का हो या शुक्र ग्रह 1, 2, 4, 5, 9, 10 या11 भाव में हो तब धारण कर सकते हैं। अगर शुक्र नीच कन्या के अंशों में, 3, 6, 8, 12 भावों का स्वामी या शत्रु राशि में हो तो यह धारण नहीं करना चाहिए।
हीरा रत्न धारण की विधि:- हीरा स्टोन प्लेटनियम या चाँदी की धातु में, शुक्लपक्ष के शुक्रवार या शुक्र ग्रह की होरा में मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।
मंत्र जाप: “ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:”- जप संख्या- 16000 अधिक उपायों के लिए यहां देखें।
हीरा का उपरत्न- जरकन, स्फ़टिक व ओपल
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हम अपनी कुंडली के कमज़ोर ग्रहों को बलवान करने के लिए रत्न धारण करते हैं। लेकिन ये भी याद रखना चाहिए कि रत्न कभी जादू नहीं करते वह ग्रहों की दशा की अनुसार ही अपना प्रभाव दिखाते हैं। प्रत्येक ग्रहों के अनुसार सबके अलग-अलग रत्न हैं और सबको एक जैसा रत्न फायदा या नुकसान नहीं दे सकता हैं। इसलिए अच्छे और उपयोगी रत्न के लिए एक ज्योतिष से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए क्योंकि रत्न अगर फर्श से अर्श तक पहुंचा सकता हैं तो वह अपने नकारात्मक प्रभाव से अर्श से फर्श तक भी पहुंचाने में देरी नहीं करेगा।
रत्नों का सीधा असर हमारे शरीर से मन पर पढ़ता हैं। हमारे शरीर में सात चक्र हैं, इन सातों के अलग-अलग रंग हैं, ये चक्र हमारे मन पर असर ड़ालते हैं। हमारे आस पास रंग ही रंग हैं, बिना रंग के तो दुनिया भी बेरंग होगी। उसी प्रकार रत्न का असर भी हम तक तरंगो के माध्यम से पहुँचता हैं। रत्न के बहुत फायदे हैं और उसका फायदा तभी होगा जब आप सही वज़न, चमक, रंग देख कर पहनें क्योंकि हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती! रत्न में अद्दभुत शक्ति होती हैं, यह रास आ जाए तो आसानी से आसमान पर भी पहुंचा देती हैं और जिस ग्रह का भी रत्न रास आ जाए उस ग्रह से जुड़े फायदे मिलते हैं! रत्न को ग्रह की स्थति, लग्न व दशा के अनुसार देख कर ही पहनें। रत्न भी सही वज़न का होना चाहिए नहीं तो फल देने में विलम्ब करेगा और आप सोचेंगे की इतना महंगा रत्न पहना हैं, लेकिन फायदा नहीं दे रहा! इसलिए आप सही तरह कुंडली दिखा कर और अच्छी जगह से ही रत्न खरीदे।
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When the stone is worn in a ring or pendent the continuously vibrating power of planets is absorbed in the individual’s aura. If we wear it in normally jewels forms when stone’s energies not work indirectly in our aura. Interesting fact: in old age, the fiery red ruby gemstone is used for just ornaments for beauty. Over the ages, it has recognized the beautiful ruby with many magical powers. These four gems are called precious gems 1. Diamond, 2 Sapphires, 3 Emeralds, 4 Ruby is a king of the gems. It is hard gemstone but after cutting it can be delicate.
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